डाइबिटीस के साथ खुशनुमा जिंदगी बिताने के तरीके सुझाएगा “मधुमेह चौपाल”

नई दवाइयों, डाइट, योग और एक्सरसाइज की मिलेगी जानकारी
इंदौर. डाइबिटी•ा एक लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है इसलिए यह जरुरी है कि इसके इलाज को भी लाइफस्टाइल में ही शामिल किया जाए. डाइबिटीस से जुड़े खान-पान, एक्सससाइज और बाकि जरुरी बातों को रोजमर्रा में शामिल करके ही जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है. डाइबिटीस की चिकित्सा पद्धतियों और दवाइयों में भी नित-नई तकनीकें शामिल होती जा रही है, जिसके बारे में आमतौर मरीजों को जानकारी नहीं होती. इन्ही बातों की विस्तार से जानकारी देने के लिए 27 मई को बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में मधुमेह चौपाल नाम से एक अनोखा आयोजन होने जा रहा है.
पहली बार सेंटर इंडिया में इस तरह का आयोजन हो रहा है जिसमें,  डाइबिटीस को लेकर लोगों के मन में जो डर और शंकाएं होती है उन्हें दूर कर डाइबिटीस के साथ भी जीवन को खुशनुमा तरीके से जीने की कला इस आयोजन में सिखाई जाएगी.
एक्सपर्ट डॉ संदीप जुल्का ने बताया कि सर्कुलेशन जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक यदि व्यक्ति शराब और धूम्रपान कम करते हुए सही डाइट और एक्सरसाइज रूटीन फॉलो करता है तो वह अपनी उम्र में 15 साल तक का इजाफा कर लेता है. इस आयोजन के जरिए हम लोगों को डाइबिटीस के साथ भी हेल्दी लाइफ जीने के कई आसान और कारगर तरीके बताने का प्रयास करेंगे, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे. इस आयोजन में विषय विशेषज्ञों के साथ 500 से अधिक लोग उपस्थित होंगे. खास बात यह है कि इस तरह के आयोजन अब समय-समय पर होते रहेंगे, ताकि डाइबिटीस से जुडी हर नई जानकारी लोगों तक पहुंचे जा सकें. इस नेक कार्य में बास्केटबॉल ट्रस्ट भी निशुल्क हॉल दे कर अपना सहियोग प्रदान कर रही है.
होगी लाइफ कुकिंग वर्कशॉप
अक्सर देखा गया है कि डाइबिटीस से लोगों को अपने मनपसंद खाने को छोड़ कर जीवन भर मन मार कर रहना पड़ता है। उनकी इस परेशानी को हल करने के लिए ‘मधुमेह चौपालÓ में डाइटिशन की मौजूदगी में लाइव कुकिंग वर्कशॉप होगी. इस वर्कशॉप में एक्सपर्ट डाइबिटीस से पीडि़त लोगों को अपने पसंदीदा भोजन के टेस्टी और हेल्दी विकल्प बनाना सिखाएंगे. उन्हें डाइट, एक्सरसाइज़ और योग की भी जानकारी दी जाएगी.
बच्चों के लिए खास सेल्फ डिफेन्स वर्कशॉप
टाइप वन डाइबिटीस से बच्चे जन्म से ही इन्सुलिन पर निर्भर रहते हैं, इनके लिए मधुमेह चौपाल में कई खास आयोजन होंगे. डॉ. संदीप जुल्का ने बताया कि इन बच्चों को परिवार में शुरू से बेहद सवेंदनशील और सुरक्षित माहौल मिलता है इसलिए कई बार ये जिंदगी की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाते. इन्हे हर मुश्किल से लडऩा सिखाने के लिए विशेष सेल्फ-डिफेंस वर्कशॉप कराई जाएगी. बच्चों को नि:शुल्क ग्लूकोमीटर स्ट्रिप बांटी जाएगी.
विशेषज्ञ साझा करेंगे अनुभव
डॉ योगेंद्र व्यास, डॉ रजनीश कुटुम्बले और डॉ.बी.के.बानदरे कुछ ऐसे नाम है जिन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि हेल्दी लाइफस्टाइल को किसी भी उम्र में अपनाया जा सकता है। ये ना सिर्फ कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा करेंगे बल्कि डाइबिटीस के मरीजों को स्वस्थ और खुशहाल सामान्य जीवन पाने के तरीके भी बताएँगे।

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